यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

At-Taghâbun (सूरह 64)
التَّغَابُن (Mutual Loss and Gain)
परिचय
यह मदनी सूरह आयत 9 में क़यामत के दिन के उल्लेख से अपना नाम लेती है, जहाँ लोगों को सफल और असफल में बाँटा जाता है। चूँकि पिछली सूरह ईमान वालों को मौत से पहले दान करने का आग्रह करके समाप्त होती है, यह सूरह अल्लाह की सृजन शक्ति और मृतकों को न्याय के लिए पुनः जीवित करने की उसकी क्षमता पर ज़ोर देकर शुरू होती है। यह सूरह ईमान वालों को अल्लाह की राह में खर्च करने का आह्वान करके समाप्त होती है, और उन्हें अपने जीवनसाथियों और बच्चों की चिंताओं से निराश न होने का संदेश देती है। तलाक़ के बाद जीवनसाथियों और बच्चों के अधिकार अगली सूरह में बताए गए हैं। अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील, परम दयावान है।