यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Surah 42 - الشُّورَىٰ

Ash-Shûra (सूरह 42)

الشُّورَىٰ (Consultation)

मक्की सूरहमक्की सूरह

परिचय

यह मक्की सूरह का नाम आयत 38 से लिया गया है, जिसमें सच्चे ईमान वालों के गुणों में से एक के रूप में आपसी मशवरे (परामर्श) से अपने मामलों को चलाने का उल्लेख है। यह सूरह इस बात पर बल देती है कि अल्लाह ने मुसलमानों के लिए वही धर्म निर्धारित किया है जो सभी पिछले पैग़म्बरों के लिए निर्धारित किया था। यदि कोई मतभेद उत्पन्न होता है तो ईमान वालों को अल्लाह के फ़ैसले की ओर लौटने का आदेश दिया गया है। अल्लाह की वहदानियत, कुदरत और हिकमत पर ज़ोर दिया गया है, जबकि मूर्तिपूजकों के शक्तिहीन मूर्तियों में विश्वास की निंदा की गई है। इस सूरह का समापन और अगली सूरह का आरंभ दोनों इस तथ्य पर बल देते हैं कि क़ुरआन अल्लाह द्वारा अवतरित किया गया है। अल्लाह के नाम से—जो अत्यंत कृपाशील, परम दयावान है।

Ash-Shûra () - अध्याय 42 - स्पष्ट कुरान डॉ. मुस्तफा खत्ताब द्वारा