यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Ar-Ra’d (सूरह 13)
الرَّعْد (Thunder)
परिचय
यह सूरह, जिसका नाम आयत १३ में वर्णित गर्जन से लिया गया है, पिछली सूरह की अंतिम आयतों (जो १०५ से शुरू होती हैं) पर विस्तार से प्रकाश डालती है। ये आयतें अल्लाह के आकाशों और पृथ्वी में मौजूद भव्य निशानों से संबंधित हैं जिनकी उपेक्षा इनकार करने वाले करते हैं। यह सूरह अल्लाह के ज्ञान, उसकी शक्ति और उसके पैगंबरों के लिए उसके अटूट समर्थन; कुरान की प्रामाणिकता; और काफ़िरों के लिए चेतावनियों का भी वर्णन करती है। यह सूरह ईमान लाने वालों और इनकार करने वालों के गुणों और दोनों के लिए प्रतिफल पर भी चर्चा करती है। ये सभी विषय अगली दो सूरहों में दोहराए जाते हैं। अल्लाह के नाम पर—जो अत्यंत कृपालु, परम दयावान है।