Surah 77
Volume 1

Those ˹Winds˺ Sent Forth

المُرْسَلَات

المُرْسَلات

LEARNING POINTS

सीखने के बिंदु

अल्लाह की इस दुनिया को रचने की शक्ति इस बात का प्रमाण है कि वह सबको न्याय के लिए दोबारा जीवित करने में सक्षम है।

न्याय के दिन को झुठलाने वालों के लिए क़यामत का दिन भयावह होगा।

गुनाहगार जहन्नम में पहुँचेंगे, और ईमान वाले जन्नत में सुख भोगेंगे।

यह वह आखिरी सूरह है जिसे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपने इंतकाल से पहले नमाज़ में पढ़ा था। {इसे इमाम अत-तिर्मिज़ी और इमाम अहमद ने रिवायत किया है}

WORDS OF WISDOM

ज्ञान की बातें

पिछली और अगली सूरतों की तरह, यह सूरत इस बात पर केंद्रित है कि ईमान वालों और काफ़िरों के साथ आख़िरत में क्या होगा। जब हम यह बात ध्यान में रखते हैं कि हमें क़यामत के दिन अल्लाह के सामने अपने चुनावों और कर्मों का हिसाब देना होगा, तो यह हमें उन कामों को करने के लिए प्रेरित करेगा जो जन्नत की ओर ले जाते हैं और उन चीज़ों से दूर रहने के लिए जो जहन्नम की ओर ले जाती हैं।

SIDE STORY

छोटी कहानी

जाबिर नाम के एक व्यक्ति को टूटे हुए हाथ और गर्दन के साथ अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने देखा कि जाबिर से मिलने वाले लोग उसके कमरे से निकलते ही हंसने लगते थे। जब उसने जाबिर से इसका कारण पूछा, तो उसने जवाब दिया, 'यह सब एक दिलचस्प सपने की वजह से है। मैं हमेशा क़यामत के दिन के बारे में पढ़ता और सोचता रहता हूँ। दो दिन पहले, मैं बिस्तर पर गया, जो खिड़की के पास था। जैसे ही मैं सोया, मैंने खुद को हिसाब-किताब के लिए जागते हुए देखा। फिर मैंने खुद को जन्नत (स्वर्ग) की ओर जाती हुई एक बस में पाया। हालांकि सड़क के संकेत पर 1,000 मील प्रति घंटा लिखा था, बस ड्राइवर केवल 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से जा रहा था। हर कोई उससे तेज़ चलने की गुहार लगा रहा था, लेकिन उसने और भी धीमा कर दिया। आखिरकार, हम जन्नत के सामने पहुँचे, लेकिन बस रुकी नहीं। हमने एक और संकेत देखा जिस पर लिखा था 'जहन्नम (नरक) का रास्ता - 70 मील प्रति घंटा', और ड्राइवर 1,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगा। हर कोई उससे धीमा चलने की गुहार लगा रहा था, लेकिन वह और तेज़ चला, जब तक कि हमने दूर से आग की लपटें और धुआँ नहीं देखा। हर कोई चिल्लाया, 'रुक जाओ, कृपया! दरवाज़ा खोलो!' लेकिन ड्राइवर ने नहीं सुना। फिर हम जहन्नम के और करीब आते गए, और हर कोई घबरा गया। आखिरकार, किसी ने चिल्लाया, 'तुम्हारे पास एक खिड़की है - कूदो!' और मैंने ठीक वैसा ही किया - मैं अपने बिस्तर के पास वाली खिड़की से कूद गया, और मैंने अपना हाथ और गर्दन तोड़ ली।' एक नर्स (जो काँच की खिड़की से देख रही थी) ने देखा कि डॉक्टर को जाबिर पर दया आई, लेकिन कमरे से निकलते ही वह हंसने लगा। नर्स ने जाबिर से इसका कारण पूछा, और उसने कहा, 'यह सब एक दिलचस्प सपने की वजह से है...'

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क़यामत का दिन यकीनन आएगा।

1उन हवाओं की क़सम जो एक के बाद एक भेजी जाती हैं, 2और जो तेज़ी से चलती हैं, 3और जो (बादलों को) फैलाती हैं! 4और उन फ़रिश्तों की क़सम जो (सत्य और असत्य का) भेद करती हैं, 5और जो वह्यी (ईश्वरीय संदेश) उतारती हैं, 6बहानेबाज़ी समाप्त करना और चेतावनियाँ देना! 7जिसका तुमसे वादा किया गया है, वह अवश्य पूरा होगा।

وَٱلۡمُرۡسَلَٰتِ عُرۡفٗا 1فَٱلۡعَٰصِفَٰتِ عَصۡفٗا 2وَٱلنَّٰشِرَٰتِ نَشۡرٗا 3فَٱلۡفَٰرِقَٰتِ فَرۡقٗا 4فَٱلۡمُلۡقِيَٰتِ ذِكۡرًا 5عُذۡرًا أَوۡ نُذۡرًا 6إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَوَٰقِعٞ7

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क़यामत के दिन के भयानक दृश्य

8तो जब तारे बुझा दिए जाएँगे, 9और जब आकाश विदीर्ण हो जाएगा, 10और जब पहाड़ उड़ा दिए जाएँगे, 11और जब रसूलों के लिए समय निर्धारित किया जाएगा— 12यह सब किस दिन के लिए निर्धारित किया गया है? 13अंतिम निर्णय के दिन के लिए! 14और आपको क्या ज्ञात कराएगा कि फैसले का दिन क्या है? 15उस दिन झुठलाने वालों के लिए भयानक होगा!

فَإِذَا ٱلنُّجُومُ طُمِسَتۡ 8وَإِذَا ٱلسَّمَآءُ فُرِجَتۡ 9وَإِذَا ٱلۡجِبَالُ نُسِفَتۡ 10وَإِذَا ٱلرُّسُلُ أُقِّتَتۡ 11لِأَيِّ يَوۡمٍ أُجِّلَتۡ 12لِيَوۡمِ ٱلۡفَصۡلِ 13وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا يَوۡمُ ٱلۡفَصۡلِ 14وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ15

अल्लाह की कुदरत

16क्या हमने पहले के झुठलाने वालों को हलाक नहीं किया? 17और हम बाद वालों को उनके पीछे लाएँगे। 18हम मुजरिमों के साथ ऐसा ही करते हैं। 19उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी खराबी होगी! 20क्या हमने तुम्हें एक मामूली पानी की बूँद से पैदा नहीं किया, 21उसे गर्भाशय में एक सुरक्षित स्थान पर रखकर। 22एक निर्धारित समय तक? 23हमने उसकी वृद्धि का ठीक-ठीक अंदाज़ा किया। हम ऐसा करने में कितने उत्तम हैं! 24उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी तबाही होगी! 25क्या हमने धरती को एक निवास स्थान नहीं बनाया? 26जीवितों और मृतकों के लिए, 27और उस पर ऊँचे, अटल पर्वत स्थापित किए, और तुम्हें पीने के लिए मीठा पानी दिया? 28उस दिन झुठलाने वालों के लिए धिक्कार है!

أَلَمۡ نُهۡلِكِ ٱلۡأَوَّلِينَ 16ثُمَّ نُتۡبِعُهُمُ ٱلۡأٓخِرِينَ 17كَذَٰلِكَ نَفۡعَلُ بِٱلۡمُجۡرِمِينَ 18وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 19أَلَمۡ نَخۡلُقكُّم مِّن مَّآءٖ مَّهِينٖ 20فَجَعَلۡنَٰهُ فِي قَرَارٖ مَّكِينٍ 21إِلَىٰ قَدَرٖ مَّعۡلُومٖ 22فَقَدَرۡنَا فَنِعۡمَ ٱلۡقَٰدِرُونَ 23وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 24أَلَمۡ نَجۡعَلِ ٱلۡأَرۡضَ كِفَاتًا 25أَحۡيَآءٗ وَأَمۡوَٰتٗا 26وَجَعَلۡنَا فِيهَا رَوَٰسِيَ شَٰمِخَٰتٖ وَأَسۡقَيۡنَٰكُم مَّآءٗ فُرَاتٗا 27وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ28

जहन्नम को झुठलाने वालों के लिए बुरी खबर

29झुठलाने वालों से कहा जाएगा, "उस आग में जाओ जिसे तुम झुठलाया करते थे!" 30उस धुएँ की छाँव में जाओ जो तीन शाखों में उठती है, 31जो न ठंडक देती है और न लपटों से कोई पनाह। 32बेशक वह ऐसी चिंगारियाँ फेंकती है जो बड़े-बड़े महलों जैसी हैं, 33और (रंग में) काले ऊँटों के समान हैं। 34उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी तबाही होगी! 35उस दिन वे बात नहीं कर सकेंगे, 36और उन्हें बहाने बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 37उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी तबाही होगी! 38अल्लाह उनसे कहेगा, "यह फ़ैसले का दिन है। हमने तुम्हें और पहले के झुठलाने वालों को सज़ा के लिए इकट्ठा किया है।" 39तो यदि तुम्हारे पास स्वयं को बचाने की कोई योजना है, तो उसे मेरे विरुद्ध प्रयोग करो। 40उस दिन झुठलाने वालों के लिए कितना भयानक होगा!

ٱنطَلِقُوٓاْ إِلَىٰ مَا كُنتُم بِهِۦ تُكَذِّبُونَ 29ٱنطَلِقُوٓاْ إِلَىٰ ظِلّٖ ذِي ثَلَٰثِ شُعَبٖ 30لَّا ظَلِيلٖ وَلَا يُغۡنِي مِنَ ٱللَّهَبِ 31إِنَّهَا تَرۡمِي بِشَرَرٖ كَٱلۡقَصۡرِ 32كَأَنَّهُۥ جِمَٰلَتٞ صُفۡرٞ 33وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 34هَٰذَا يَوۡمُ لَا يَنطِقُونَ 35وَلَا يُؤۡذَنُ لَهُمۡ فَيَعۡتَذِرُونَ 36وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 37هَٰذَا يَوۡمُ ٱلۡفَصۡلِۖ جَمَعۡنَٰكُمۡ وَٱلۡأَوَّلِينَ 38فَإِن كَانَ لَكُمۡ كَيۡدٞ فَكِيدُونِ 39وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ40

खुशखबरी ईमानवालों के लिए

41निश्चय ही ईमान वाले शीतल छाया और झरनों के बीच में होंगे। 42और जो भी फल वे चाहेंगे। 43उनसे कहा जाएगा, "खाओ और पियो आनंदपूर्वक, तुम्हारे कर्मों के बदले।" 44निश्चय ही हम इसी तरह नेक काम करने वालों को बदला देते हैं। 45और उस दिन झुठलाने वालों के लिए विनाश होगा!

إِنَّ ٱلۡمُتَّقِينَ فِي ظِلَٰلٖ وَعُيُونٖ 41وَفَوَٰكِهَ مِمَّا يَشۡتَهُونَ 42كُلُواْ وَٱشۡرَبُواْ هَنِيٓ‍َٔۢا بِمَا كُنتُمۡ تَعۡمَلُونَ 43إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجۡزِي ٱلۡمُحۡسِنِينَ 44وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ45

झुठलाने वालों को चेतावनी

46थोड़ी देर खाओ और आनंद लो, क्योंकि तुम निश्चित रूप से दुष्ट हो। 47उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी तबाही होगी! 48जब उनसे कहा जाता है, "अल्लाह के आगे सजदा करो," तो वे सजदा नहीं करते। 49उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ी तबाही होगी! 50तो इस 'कुरान' के बाद वे किस संदेश पर ईमान लाएँगे?

كُلُواْ وَتَمَتَّعُواْ قَلِيلًا إِنَّكُم مُّجۡرِمُونَ 46وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 47وَإِذَا قِيلَ لَهُمُ ٱرۡكَعُواْ لَا يَرۡكَعُونَ 48وَيۡلٞ يَوۡمَئِذٖ لِّلۡمُكَذِّبِينَ 49فَبِأَيِّ حَدِيثِۢ بَعۡدَهُۥ يُؤۡمِنُونَ50

Al-Mursalât () - बच्चों के लिए कुरान - अध्याय 77 - स्पष्ट कुरान डॉ. मुस्तफा खत्ताब द्वारा