Divorce
الطَّلَاق
الطَّلاق

सीखने के बिंदु
यह सूरह ईमान वालों को तलाक़ का उचित तरीक़ा और तलाक़ के बाद के हुक़ूक़ और फ़राइज़ बताती है।
जो अल्लाह के अहकाम मानते हैं, उन्हें बड़े सवाब का वादा किया गया है, और जो उसकी नाफ़रमानी करते हैं, उन्हें भयानक अज़ाब की चेतावनी दी गई है।
अल्लाह मुश्किल वक़्त में आसानी पैदा करता है।

शरई तलाक
1ऐ नबी! ईमानवालों को बताओ: 'जब तुम औरतों को तलाक़ देने का इरादा करो, तो उन्हें उनकी इद्दत के हिसाब से तलाक़ दो और उसकी गिनती सही रखो।' और अल्लाह से डरो, जो तुम्हारा रब है।
يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِيُّ إِذَا طَلَّقۡتُمُ ٱلنِّسَآءَ فَطَلِّقُوهُنَّ لِعِدَّتِهِنَّ وَأَحۡصُواْ ٱلۡعِدَّةَۖ وَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ رَبَّكُمۡۖ لَا تُخۡرِجُوهُنَّ مِنۢ بُيُوتِهِنَّ وَلَا يَخۡرُجۡنَ إِلَّآ أَن يَأۡتِينَ بِفَٰحِشَةٖ مُّبَيِّنَةٖۚ وَتِلۡكَ حُدُودُ ٱللَّهِۚ وَمَن يَتَعَدَّ حُدُودَ ٱللَّهِ فَقَدۡ ظَلَمَ نَفۡسَهُۥۚ لَا تَدۡرِي لَعَلَّ ٱللَّهَ يُحۡدِثُ بَعۡدَ ذَٰلِكَ أَمۡرٗا1
आयत 1: इद्दत वह समय है जो एक महिला को तलाक़ या अपने पति की मृत्यु के बाद, दोबारा शादी करने से पहले गुज़ारना होता है।
तलाक़शुदा महिलाएँ इद्दत के दौरान
1उन्हें उनके घरों से बाहर मत निकालो, और न वे खुद निकलें—सिवाय इसके कि वे कोई खुली बेहयाई का काम करें। ये अल्लाह की निर्धारित सीमाएँ हैं। और जो कोई अल्लाह की इन सीमाओं का उल्लंघन करता है, तो उसने निश्चय ही अपने आप पर ज़ुल्म किया। तुम्हें क्या पता, शायद अल्लाह इसके बाद कोई नई बात पैदा कर दे।
يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِيُّ إِذَا طَلَّقۡتُمُ ٱلنِّسَآءَ فَطَلِّقُوهُنَّ لِعِدَّتِهِنَّ وَأَحۡصُواْ ٱلۡعِدَّةَۖ وَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ رَبَّكُمۡۖ لَا تُخۡرِجُوهُنَّ مِنۢ بُيُوتِهِنَّ وَلَا يَخۡرُجۡنَ إِلَّآ أَن يَأۡتِينَ بِفَٰحِشَةٖ مُّبَيِّنَةٖۚ وَتِلۡكَ حُدُودُ ٱللَّهِۚ وَمَن يَتَعَدَّ حُدُودَ ٱللَّهِ فَقَدۡ ظَلَمَ نَفۡسَهُۥۚ لَا تَدۡرِي لَعَلَّ ٱللَّهَ يُحۡدِثُ بَعۡدَ ذَٰلِكَ أَمۡرٗا1

ज्ञान की बातें
आयतों 2-3 के अनुसार, यदि हम अल्लाह पर भरोसा करते हैं, तो वह हमारे लिए चीज़ों को आसान बना देगा। यदि अल्लाह कुछ होने की इच्छा करता है, तो वह अवश्य होकर रहेगा, भले ही वह हमारी कल्पना से परे हो। छोटे पक्षी अब्राह के शक्तिशाली सैनिकों और हाथियों की विशाल सेना को कैसे नष्ट कर सकते हैं? 'ईसा अलैहिस्सलाम' बिना पिता के कैसे पैदा हो सकते हैं? आदम बिना पिता या माता के कैसे बनाए जा सकते हैं? और नूह की कश्ती बाढ़ में कैसे बच सकती है, जबकि उसे ऐसे लोगों ने बनाया था जिन्होंने पहले कभी नाव नहीं बनाई थी, और टाइटेनिक डूब गया था जबकि उसे पेशेवरों ने बनाया था? साथ ही, यदि अल्लाह नहीं चाहता कि कुछ हो, तो वह कभी नहीं होगा, भले ही हम यह न समझें कि कैसे। उदाहरण के लिए, पैगंबर इब्राहिम नहीं जले जब उन्हें आग में फेंका गया था। बनी इज़राइल नहीं डूबे जब पैगंबर मूसा ने उनके लिए समुद्र को दो भागों में बांटा था। और इस्माईल और कुर्बानी की कहानी में छुरी ने नहीं काटा। निम्नलिखित अंश के अनुसार, अल्लाह नियंत्रण में है और वह कुछ भी करने में सक्षम है। वह तलाक के बाद पति और पत्नी की आसानी से देखभाल कर सकता है, और प्रत्येक को एक नया जीवन शुरू करने में मदद कर सकता है।

तलाक़शुदा औरतें इद्दत के बाद
2फिर जब वे अपनी इद्दत (प्रतीक्षा अवधि) के अंत के करीब पहुँच जाएँ, तो या तो उन्हें सम्मानपूर्वक रोक लो या सम्मानपूर्वक उनसे अलग हो जाओ। और इस 'किसी भी तरीके' पर अपने दो विश्वसनीय पुरुषों को गवाह बनाओ—और वे दोनों अल्लाह के लिए सच्चे गवाह बनें। यह उस हर व्यक्ति के लिए एक मार्गदर्शन है जो अल्लाह और अंतिम दिन पर विश्वास रखता है। और जो कोई अल्लाह से डरता है, वह उसके लिए एक रास्ता निकालेगा, 3और उन्हें ऐसी जगह से रोज़ी देगा जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। और जो कोई अल्लाह पर भरोसा करता है, तो वह अकेला ही उसके लिए काफी है। निःसंदेह अल्लाह हमेशा अपनी इच्छा पूरी करता है। अल्लाह ने हर चीज़ के लिए एक निश्चित माप तय कर रखा है।
فَإِذَا بَلَغۡنَ أَجَلَهُنَّ فَأَمۡسِكُوهُنَّ بِمَعۡرُوفٍ أَوۡ فَارِقُوهُنَّ بِمَعۡرُوفٖ وَأَشۡهِدُواْ ذَوَيۡ عَدۡلٖ مِّنكُمۡ وَأَقِيمُواْ ٱلشَّهَٰدَةَ لِلَّهِۚ ذَٰلِكُمۡ يُوعَظُ بِهِۦ مَن كَانَ يُؤۡمِنُ بِٱللَّهِ وَٱلۡيَوۡمِ ٱلۡأٓخِرِۚ وَمَن يَتَّقِ ٱللَّهَ يَجۡعَل لَّهُۥ مَخۡرَجٗا 2وَيَرۡزُقۡهُ مِنۡ حَيۡثُ لَا يَحۡتَسِبُۚ وَمَن يَتَوَكَّلۡ عَلَى ٱللَّهِ فَهُوَ حَسۡبُهُۥٓۚ إِنَّ ٱللَّهَ بَٰلِغُ أَمۡرِهِۦۚ قَدۡ جَعَلَ ٱللَّهُ لِكُلِّ شَيۡءٖ قَدۡرٗا3
तलाकशुदा महिलाओं की इद्दत की मुद्दतें
4तुम्हारी उन औरतों के लिए, जो मासिक धर्म से निराश हो चुकी हैं (और यदि तुम्हें संदेह हो), उनकी इद्दत तीन महीने है, और उन औरतों की भी जिन्हें अभी मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ है। और जो गर्भवती हैं, उनकी इद्दत बच्चे के जन्म के साथ समाप्त होती है। और जो कोई अल्लाह से डरता है, अल्लाह उसके लिए आसानी पैदा कर देगा। 5यह अल्लाह का हुक्म है, जिसे उसने तुम पर नाज़िल किया है। और जो कोई अल्लाह से डरता है, वह उसके गुनाहों को मिटा देगा और उसे बड़ा प्रतिफल देगा।
وَٱلَّٰٓـِٔي يَئِسۡنَ مِنَ ٱلۡمَحِيضِ مِن نِّسَآئِكُمۡ إِنِ ٱرۡتَبۡتُمۡ فَعِدَّتُهُنَّ ثَلَٰثَةُ أَشۡهُرٖ وَٱلَّٰٓـِٔي لَمۡ يَحِضۡنَۚ وَأُوْلَٰتُ ٱلۡأَحۡمَالِ أَجَلُهُنَّ أَن يَضَعۡنَ حَمۡلَهُنَّۚ وَمَن يَتَّقِ ٱللَّهَ يَجۡعَل لَّهُۥ مِنۡ أَمۡرِهِۦ يُسۡرٗا 4ذَٰلِكَ أَمۡرُ ٱللَّهِ أَنزَلَهُۥٓ إِلَيۡكُمۡۚ وَمَن يَتَّقِ ٱللَّهَ يُكَفِّرۡ عَنۡهُ سَئَِّاتِهِۦ وَيُعۡظِمۡ لَهُۥٓ أَجۡرًا5
तलाकशुदा महिलाओं के लिए आवास
6उन्हें अपनी सामर्थ्य के अनुसार, वहीं रखो जहाँ तुम रहते हो, उनकी इद्दत की अवधि में। और उन्हें तंग मत करो ताकि उनका रहना कठिन हो जाए। यदि वे गर्भवती हों, तो उनके ख़र्चों का भुगतान करो जब तक वे बच्चे को जन्म न दें। और यदि वे तुम्हारे बच्चे को दूध पिलाएँ, तो उन्हें उनका पारिश्रमिक दो, और आपस में भली-भाँति सलाह-मशवरा करो। लेकिन यदि तुम आपस में किसी समझौते पर न पहुँच सको, तो कोई दूसरी स्त्री पिता के लिए बच्चे को दूध पिलाएगी। 7धनवान को अपनी सामर्थ्य के अनुसार ख़र्च करना चाहिए। और जिसके पास सीमित साधन हों, उसे चाहिए कि वह उसी में से ख़र्च करे जो अल्लाह ने उसे दिया है। अल्लाह किसी भी जान पर उतना बोझ नहीं डालता जितना उसने उसे दिया है। कठिनाई के बाद, अल्लाह आसानी पैदा करेगा।
أَسۡكِنُوهُنَّ مِنۡ حَيۡثُ سَكَنتُم مِّن وُجۡدِكُمۡ وَلَا تُضَآرُّوهُنَّ لِتُضَيِّقُواْ عَلَيۡهِنَّۚ وَإِن كُنَّ أُوْلَٰتِ حَمۡلٖ فَأَنفِقُواْ عَلَيۡهِنَّ حَتَّىٰ يَضَعۡنَ حَمۡلَهُنَّۚ فَإِنۡ أَرۡضَعۡنَ لَكُمۡ فََٔاتُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ وَأۡتَمِرُواْ بَيۡنَكُم بِمَعۡرُوفٖۖ وَإِن تَعَاسَرۡتُمۡ فَسَتُرۡضِعُ لَهُۥٓ أُخۡرَىٰ 6لِيُنفِقۡ ذُو سَعَةٖ مِّن سَعَتِهِۦۖ وَمَن قُدِرَ عَلَيۡهِ رِزۡقُهُۥ فَلۡيُنفِقۡ مِمَّآ ءَاتَىٰهُ ٱللَّهُۚ لَا يُكَلِّفُ ٱللَّهُ نَفۡسًا إِلَّا مَآ ءَاتَىٰهَاۚ سَيَجۡعَلُ ٱللَّهُ بَعۡدَ عُسۡرٖ يُسۡرٗا7
सच्चे ईमान का निमंत्रण
8देखो, कितनी ही बस्तियों ने अपने रब और उसके रसूलों के आदेशों की अवहेलना की, तो हमने उनसे कड़ा हिसाब लिया और उन्हें भयानक अज़ाब से पकड़ा। 9तो उन्होंने अपने कर्मों के बुरे अंजाम चखे, और उनके कर्मों का परिणाम सरासर घाटा था। 10अल्लाह ने उनके लिए आख़िरत में एक कठोर अज़ाब भी तैयार कर रखा है। तो अल्लाह से डरो, ऐ अक्ल और ईमान वालों! अल्लाह ने निश्चय ही तुम्हारे लिए एक ज़िक्र उतारा है, 11और एक रसूल भेजा जो तुम्हें अल्लाह की आयतें पढ़कर सुनाता है, स्पष्ट करता हुआ ताकि वह उन लोगों को जो ईमान लाए और नेक अमल किए, अंधेरों से निकालकर रोशनी में लाए। और जो कोई अल्लाह पर ईमान लाए और नेक अमल करे, उसे वह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बहती हैं, जहाँ वे हमेशा हमेशा रहेंगे। अल्लाह ने यक़ीनन उनके लिए बेहतरीन रिज़्क़ तैयार कर रखा है।
وَكَأَيِّن مِّن قَرۡيَةٍ عَتَتۡ عَنۡ أَمۡرِ رَبِّهَا وَرُسُلِهِۦ فَحَاسَبۡنَٰهَا حِسَابٗا شَدِيدٗا وَعَذَّبۡنَٰهَا عَذَابٗا نُّكۡرٗا 8فَذَاقَتۡ وَبَالَ أَمۡرِهَا وَكَانَ عَٰقِبَةُ أَمۡرِهَا خُسۡرًا 9أَعَدَّ ٱللَّهُ لَهُمۡ عَذَابٗا شَدِيدٗاۖ فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ يَٰٓأُوْلِي ٱلۡأَلۡبَٰبِ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْۚ قَدۡ أَنزَلَ ٱللَّهُ إِلَيۡكُمۡ ذِكۡرٗا 10رَّسُولٗا يَتۡلُواْ عَلَيۡكُمۡ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ مُبَيِّنَٰتٖ لِّيُخۡرِجَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّٰلِحَٰتِ مِنَ ٱلظُّلُمَٰتِ إِلَى ٱلنُّورِۚ وَمَن يُؤۡمِنۢ بِٱللَّهِ وَيَعۡمَلۡ صَٰلِحٗا يُدۡخِلۡهُ جَنَّٰتٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُ خَٰلِدِينَ فِيهَآ أَبَدٗاۖ قَدۡ أَحۡسَنَ ٱللَّهُ لَهُۥ رِزۡقًا11
अल्लाह की क़ुदरत और इल्म
12अल्लाह ही वह है जिसने सात आसमानों को तह-ब-तह बनाया, और ज़मीन को भी उसी तरह। उसका आदेश उन सब पर उतरता है ताकि तुम जान लो कि अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है, और यह कि अल्लाह यक़ीनन हर चीज़ का पूरा इल्म रखता है।
ٱللَّهُ ٱلَّذِي خَلَقَ سَبۡعَ سَمَٰوَٰتٖ وَمِنَ ٱلۡأَرۡضِ مِثۡلَهُنَّۖ يَتَنَزَّلُ ٱلۡأَمۡرُ بَيۡنَهُنَّ لِتَعۡلَمُوٓاْ أَنَّ ٱللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٖ قَدِيرٞ وَأَنَّ ٱللَّهَ قَدۡ أَحَاطَ بِكُلِّ شَيۡءٍ عِلۡمَۢا12