The Galloping Horses
العَادِيَات
العاديات

सीखने के बिंदु
घोड़े सबसे कठिन परिस्थितियों (युद्धों सहित) में भी अपने मालिकों का आज्ञापालन करते हैं, लेकिन बहुत से मनुष्य हर समय अपने रब के प्रति अहंकारी रहते हैं।
बहुत से लोग अधीर होते हैं और उन्हें केवल धन की चिंता होती है।
क़यामत के दिन अल्लाह से कुछ भी छिपा नहीं रहेगा, और हर किसी को उनके कर्मों का बदला दिया जाएगा।


पृष्ठभूमि की कहानी
पैगंबर ने अपने कुछ साथियों को घोड़ों सहित एक अभियान पर भेजा। जब उन्हें उम्मीद से ज़्यादा समय लगा, तो मुनाफ़िक़ों (कपटी लोगों) ने कहना शुरू कर दिया, "अभियान निश्चित रूप से विफल हो गया है। वे ज़रूर मारे गए होंगे।" जल्द ही, अल्लाह ने यह सूरह नाज़िल की ताकि पैगंबर को यह खुशखबरी दी जा सके कि सभी सुरक्षित वापस आ रहे हैं और अभियान सफल रहा। यहाँ सबक यह है कि लोगों को बुरी ख़बरें नहीं फैलानी चाहिए यदि वे इस बारे में बहुत निश्चित न हों कि क्या हुआ है। {इमाम अल-क़ुर्तुबी द्वारा दर्ज किया गया}

इंसान की नाशुक्रगुज़ारी
1हाँफते हुए सरपट दौड़ने वाले घोड़ों की क़सम। 2फिर जो (अपने सुमों से) चिंगारियाँ निकालते हैं, 3फिर जो सुबह सवेरे धावा बोलते हैं, 4फिर जो गर्द-ओ-गुबार उड़ाते हैं, 5और फिर जो (दुश्मन की) जमात के बीच में जा पहुँचते हैं! 6निश्चय ही मनुष्य अपने रब का नाशुकरा है। 7और वे स्वयं इस बात के साक्षात प्रमाण हैं— 8और वे धन से अत्यधिक प्रेम करते हैं। 9क्या वे नहीं जानते कि जब कब्रों में जो कुछ है, उसे उगल दिया जाएगा, 10और दिलों के भेद उजागर किए जाएंगे? 11निश्चित रूप से उनका रब उस दिन उनसे पूरी तरह वाकिफ है।
وَٱلۡعَٰدِيَٰتِ ضَبۡحٗا 1فَٱلۡمُورِيَٰتِ قَدۡحٗا 2فَٱلۡمُغِيرَٰتِ صُبۡحٗا 3فَأَثَرۡنَ بِهِۦ نَقۡعٗا 4فَوَسَطۡنَ بِهِۦ جَمۡعًا 5إِنَّ ٱلۡإِنسَٰنَ لِرَبِّهِۦ لَكَنُودٞ 6وَإِنَّهُۥ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٞ 7وَإِنَّهُۥ لِحُبِّ ٱلۡخَيۡرِ لَشَدِيدٌ 8أَفَلَا يَعۡلَمُ إِذَا بُعۡثِرَ مَا فِي ٱلۡقُبُورِ 9وَحُصِّلَ مَا فِي ٱلصُّدُورِ 10إِنَّ رَبَّهُم بِهِمۡ يَوۡمَئِذٖ لَّخَبِيرُۢ11