यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Surah 66 - التَّحْرِيم

At-Taḥrîm (सूरह 66)

التَّحْرِيم (The Prohibition)

मदनी सूरहमदनी सूरह

परिचय

यह मदनी सूरह पैगंबर (ﷺ) के घर में घटी एक घटना से संबंधित है। पैगंबर (ﷺ) शाम को अपनी सभी पत्नियों से मिलने जाया करते थे। ऐसा हुआ कि वे ज़ैनब बिंत जहश के घर पर सामान्य से अधिक समय तक रुके, जहाँ उन्हें शहद पेश किया गया—जो उन्हें बहुत पसंद था। ईर्ष्यावश, दो अन्य पत्नियों (हफ़सा और आयशा) ने आपस में यह तय किया कि जब पैगंबर (ﷺ) उनमें से प्रत्येक से मिलने जाएँ, तो वे उन्हें बताएँगी कि उनके मुँह से दुर्गंध आ रही है, क्योंकि वे जानती थीं कि उन्हें (ﷺ) दुर्गंध पसंद नहीं थी। अंततः, पैगंबर (ﷺ) ने शपथ ली कि वे फिर कभी शहद नहीं खाएँगे, और हफ़सा से कहा कि वे इसके बारे में किसी को न बताएँ। लेकिन उन्होंने आयशा को बताया कि उनकी योजना सफल हो गई थी। दोनों पत्नियों को सूक्ष्मता से सलाह दी जाती है कि वे सूरह के अंत में उल्लिखित दो ईमानवाली महिलाओं—मरियम और आसिया, फ़िरौन की पत्नी—के उदाहरण से सीखें, और नूह और लूत की पत्नियों के भाग्य से सबक लें, जो पैगंबरों की पत्नियाँ होने के बावजूद दोनों नष्ट हो गईं। इस सूरह में ईमानवालों से आग्रह किया जाता है कि वे अपने आचरण को सुधारें और अल्लाह से सच्ची तौबा करें ताकि उसका शाश्वत प्रतिफल प्राप्त कर सकें, जबकि काफ़िरों को एक भयानक भाग्य की चेतावनी दी जाती है। काफ़िरों के भाग्य का विस्तार से वर्णन अगली सूरह में किया गया है। अल्लाह के नाम से जो अत्यंत मेहरबान, निहायत रहम वाला है।

At-Taḥrîm () - अध्याय 66 - स्पष्ट कुरान डॉ. मुस्तफा खत्ताब द्वारा