यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Al-Ḥashr (सूरह 59)
الحَشْر (The Banishment)
परिचय
यह मदनी सूरह अपना नाम आयत 2 से लेती है, जो बनू अन-नदीर नामक यहूदी क़बीले के मदीना से निष्कासन का उल्लेख करती है। उन्होंने मक्का के मुशरिकों के साथ मिलकर मुसलमानों के साथ हुए शांति समझौतों का उल्लंघन करने की साज़िश रची थी। मुनाफ़िक़ों की बनू अन-नदीर के साथ उनके गुप्त गठबंधन के लिए निंदा की गई है। युद्ध के माल (ग़नीमत) के वितरण के संबंध में कुछ निर्देश दिए गए हैं। सूरह का समापन सर्वशक्तिमान अल्लाह के प्रति अटूट आज्ञाकारिता पर ज़ोर देते हुए होता है, जिस पर अगली सूरह के आरंभ में और अधिक बल दिया गया है। अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील, दयावान है।