यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Ad-Dukhân (सूरह 44)
الدُّخَان (The Haze)
परिचय
इस मक्की सूरह का नाम धुएँ (जो सूखे के कारण हुआ था) पर रखा गया है, जिसका ज़िक्र आयत 10 में है। पिछली सूरह की तरह, मक्का के मूर्तिपूजकों को फ़िरौन की क़ौम के समान माना गया है, क्योंकि उन्होंने उनसे अज़ाब हटाए जाने के बाद अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण के अपने वादे से मुकर गए थे। कहा जाता है कि क़ुरआन को इंसानियत की हिदायत के लिए एक मुबारक रात में नाज़िल किया गया था। जो इसकी हिदायत को अपनाएंगे, उन्हें जन्नत में सम्मानित किया जाएगा और जो इसे ठुकराएंगे, उन्हें जहन्नम में अपमानित किया जाएगा। यही अंजाम अगली सूरह का मूल विषय है। अल्लाह के नाम से—जो अत्यंत दयालु, परम कृपालु है