यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

Aṣ-Ṣâffât (सूरह 37)
الصَّافَّات (Those ˹Angels˺ Lined up in Ranks)
परिचय
मुख्य रूप से, यह मक्की सूरह पिछली सूरह की आयत 31 की व्याख्या करती है: "क्या इनकार करने वालों ने नहीं सोचा कि हमने उनसे पहले कितनी कौमों को तबाह किया...?" इसलिए, यहाँ तबाह किए गए काफ़िरों के कई उदाहरण उद्धृत किए गए हैं, जिनमें नूह, लूत और इलियास की कौमें शामिल हैं। कुछ मूलभूत सत्यों पर ज़ोर दिया गया है, जिनमें अल्लाह की वहदानियत, क़यामत और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की पैग़म्बरी शामिल हैं। मुशरिकों की आलोचना की गई है कि उन्होंने पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को 'एक पागल कवि' कहा और यह दावा किया कि फ़रिश्ते अल्लाह की बेटियाँ हैं। यह सूरह आख़िरत में काफ़िरों की सज़ा और मोमिनों के इनाम पर अधिक विवरण प्रदान करती है (आयत 19-68)। अंत में, पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को आश्वस्त किया गया है कि अल्लाह के रसूल हमेशा विजयी होते हैं। अल्लाह के नाम से—जो अत्यंत कृपाशील, परम दयावान है।