यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

As-Sajdah (सूरह 32)
السَّجْدَة (The Prostration)
परिचय
यह मक्की सूरह, जिसका नाम आयत 15 में वर्णित ईमानवालों के सजदों से लिया गया है, यह स्पष्ट करती है कि क़ुरआन एक ईश्वरीय वह्य है और यह कि सर्वशक्तिमान अल्लाह ही एकमात्र सृष्टिकर्ता है, जो पुनरुत्थान में सर्वाधिक सक्षम है। पिछली सूरह के समान, इसमें ईमानवालों और काफ़िरों के गुणों तथा प्रत्येक के लिए प्रतीक्षारत इनाम का उल्लेख किया गया है। इस सूरह का अंत और अगली सूरह का आरंभ दोनों ही नबी (ﷺ) से आग्रह करते हैं कि वे इनकार करनेवालों से मुँह मोड़ लें और उनके सामने न झुकें। अल्लाह के नाम से—जो अत्यंत कृपाशील, परम दयावान है।