यह अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, यह डॉ. मुस्तफा खत्ताब के "स्पष्ट कुरआन" पर आधारित है।

An-Naḥl (सूरह 16)
النَّحْل (Bees)
परिचय
यह मक्की सूरह, जिसे 'नेमतों का अध्याय' (सूरतु अन-नि'अम) के नाम से भी जाना जाता है, अपना नाम आयत 68-69 में उल्लिखित मधुमक्खियों से लेती है, जिन्हें अल्लाह की मानवता पर की गई अनगिनत नेमतों में से एक बताया गया है। इन सभी नेमतों के लिए अल्लाह का शुक्र अदा करने के बजाय, मुशरिकों ने जानबूझकर मूर्तियाँ स्थापित कीं और उन्हें अल्लाह के साथ इबादत में शरीक किया। उन्हें अपनी बेटियों को जीवित दफनाने के लिए भी निंदित किया जाता है (आयत 58-59)। इसमें शुक्रगुज़ार ईमानवालों और नाशुक्रे काफ़िरों का उल्लेख किया गया है, साथ ही प्रत्येक समूह के लिए अंतिम प्रतिफल का भी। सूरह के अंत के करीब इब्राहीम (ﷺ) का उल्लेख अल्लाह के एक शुक्रगुज़ार बंदे के रूप में किया गया है, जिनका उदाहरण सभी ईमानवालों द्वारा अनुकरण किया जाना चाहिए। सूरह पैगंबर (ﷺ) को धैर्यपूर्वक सहन करने और सभी को हिकमत (बुद्धिमत्ता) और उत्तम ढंग से अल्लाह के मार्ग की ओर आमंत्रित करने का निर्देश देते हुए समाप्त होती है। बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम