The Ultimate Quake
الزَّلْزَلَة
الزلزلة

सीखने के बिंदु
क़यामत के दिन, जब लोग न्याय के लिए अपनी क़ब्रों से निकलेंगे, तो वे सदमे में होंगे।
धरती स्वयं हर उस चीज़ की गवाही देगी जो कभी हुई थी।
उस दिन, हर किसी को उनके कर्मों के अनुसार जन्नत में इनाम मिलेगा या जहन्नम में सज़ा दी जाएगी, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों।


पृष्ठभूमि की कहानी
कुछ सहाबा छोटे दान (जैसे एक सेब या एक डॉलर) देना नहीं चाहते थे, और उन्हें छोटे गुनाहों (जैसे एक छोटा झूठ या ग़ीबत) से कोई हर्ज़ नहीं लगता था। वे सोचते थे कि ये कर्म उनके आमालनामे में दर्ज होने के लिए बहुत छोटे हैं। इसलिए यह सूरह उन्हें यह सिखाने के लिए नाज़िल हुई कि सभी कर्म, छोटे और बड़े, क़यामत के दिन तोले जाएंगे। {इमाम इब्न कसीर द्वारा दर्ज}
पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया कि अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसंद वे छोटे कर्म हैं जो नियमित रूप से किए जाते हैं। {इमाम अल-बुखारी द्वारा दर्ज} उन्होंने यह भी फरमाया, "किसी भी नेक काम को कम मत समझो।" {इमाम मुस्लिम द्वारा दर्ज} इसमें किसी को देखकर मुस्कुराना या दूसरों के लिए दरवाज़ा खुला रखना जैसी छोटी आदतें शामिल हैं। सवाब व्यक्ति पर आधारित होता है। तो, एक गरीब व्यक्ति जिसके पास केवल $10 हैं और वह किसी की मदद के लिए $5 देता है, उसे उस करोड़पति से ज़्यादा सवाब मिल सकता है जो $1,000 दान करता है। यह सब नीयत पर निर्भर करता है।

छोटी कहानी
बहुत समय पहले, तुर्की के इस्तांबुल शहर में हयरेद्दीन (खैर अद-दीन) एफेंदी नाम का एक तुर्की व्यक्ति रहता था। जब भी वह बाज़ार में चलता और कोई फल या कुछ मीठा खाने के लिए खरीदना चाहता, तो वह कहता: "सांकी येदिम!" या "जैसे कि मैंने खा लिया।" भोजन खरीदने के बजाय, वह पैसे एक डिब्बे में डाल देता था। वह लंबे समय तक ऐसा ही करता रहा। 20 साल बाद, उसने डिब्बे में इतना पैसा बचा लिया था कि एक छोटी मस्जिद बनवा सके। लोग इस मस्जिद को सांकी येदिम जामी (जामी') या 'जैसे कि मैंने खा लिया' मस्जिद कहने लगे।

नियमित रूप से छोटे-छोटे काम करने से बड़ी चीज़ें हासिल होंगी, इंशाअल्लाह। याद रखें, बड़े तालाब रातोंरात नहीं बनते। वे लंबे समय तक बारिश की छोटी-छोटी बूंदों से बनते हैं।
क़यामत के दिन की दहशत
1जब धरती अपने अंतिम भूकम्प से भयंकर रूप से काँप उठेगी, 2और जब धरती अपने भारी बोझ बाहर निकाल देगी, 3और मनुष्य आश्चर्यचकित होकर कहेगा, "इसे क्या हो गया है?" 4उस दिन धरती सब कुछ बता देगी, 5क्योंकि तुम्हारे रब ने उसे ऐसा करने का आदेश दिया होगा। 6उस दिन लोग अलग-अलग गिरोहों में निकलेंगे ताकि उन्हें उनके आमाल के नतीजे दिखाए जाएँ। 7तो जिसने ज़रा बराबर भी नेकी की होगी, वह उसे देखेगा। 8और जिसने ज़रा बराबर भी बुराई की होगी, वह उसे देखेगा।
إِذَا زُلۡزِلَتِ ٱلۡأَرۡضُ زِلۡزَالَهَا 1وَأَخۡرَجَتِ ٱلۡأَرۡضُ أَثۡقَالَهَا 2وَقَالَ ٱلۡإِنسَٰنُ مَا لَهَا 3يَوۡمَئِذٖ تُحَدِّثُ أَخۡبَارَهَا 4بِأَنَّ رَبَّكَ أَوۡحَىٰ لَهَا 5يَوۡمَئِذٖ يَصۡدُرُ ٱلنَّاسُ أَشۡتَاتٗا لِّيُرَوۡاْ أَعۡمَٰلَهُمۡ 6فَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٍ خَيۡرٗا يَرَهُۥ 7وَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٖ شَرّٗا يَرَهُۥ8
आयत 8: पृथ्वी के अंदर दबी हुई हर चीज़, जैसे कि शव, खजाने आदि।