The Sun
الشَّمْس
الشمس

सीखने के बिंदु
मनुष्यों को अपनी आत्माओं को शुद्ध करने या भ्रष्ट करने का स्वतंत्र चुनाव है।
जो लोग शुद्धता का मार्ग चुनते हैं, वे सफल होंगे, और जो भ्रष्टता का मार्ग चुनते हैं, वे सालेह की कौम की तरह नष्ट हो जाएंगे।
किसी भी रूप में बुराई का समर्थन करना दंड का कारण बनता है।
आत्मा को शुद्ध करना और भ्रष्ट करना
1क़सम है सूरज की और उसकी चमक की, 2और चाँद की जब वह उसके पीछे चले, 3और दिन की जब वह उसे रोशन करे, 4और रात की जब वह उसे ढाँप ले, 5और आसमान की और उसकी जिसने उसे तामीर किया, 6और ज़मीन और जिसने उसे बिछाया! 7और आत्मा की क़सम और जिसने उसे संवारा, 8फिर उसे उसकी बुराई और भलाई का इल्हाम किया! 9बेशक फ़लाह पाई उसने जिसने उसे पाक किया, 10और खसारा उठाया उसने जिसने उसे मैला किया!
وَٱلشَّمۡسِ وَضُحَىٰهَا 1وَٱلۡقَمَرِ إِذَا تَلَىٰهَا 2وَٱلنَّهَارِ إِذَا جَلَّىٰهَا 3وَٱلَّيۡلِ إِذَا يَغۡشَىٰهَا 4وَٱلسَّمَآءِ وَمَا بَنَىٰهَا 5وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا طَحَىٰهَا 6وَنَفۡسٖ وَمَا سَوَّىٰهَا 7فَأَلۡهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقۡوَىٰهَا 8قَدۡ أَفۡلَحَ مَن زَكَّىٰهَا 9وَقَدۡ خَابَ مَن دَسَّىٰهَا10
आयत 10: आमतौर पर आकाश का अर्थ ब्रह्मांड होता है - यानी वह सब कुछ जो हमारे ऊपर है या हमारे ग्रह से परे है।

पृष्ठभूमि की कहानी
पैगंबर सालेह ने कई सालों तक अपनी कौम, समूद, को अल्लाह पर ईमान लाने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने उनके संदेश को ठुकरा दिया। उन्हें गलत साबित करने के लिए, उन्होंने उन्हें एक चट्टान को चीरकर उसमें से एक गर्भवती ऊँटनी निकालने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, "क्या तुम्हें यकीन है कि अगर मैं ऐसा करूँ तो तुम ईमान ले आओगे?" उन्होंने कहा, "बेशक!" लेकिन जब उन्होंने वह चमत्कार अपनी आँखों से देख लिया, तो भी वे उन्हें नकारते रहे। उन्होंने उनसे कहा कि वह ऊँटनी उनके साथ बारी-बारी से मुख्य कुएँ से पानी पिएगी। उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऊँटनी को नुकसान पहुँचाया तो अल्लाह उन्हें सज़ा देगा। फिर भी उन्होंने उन्हें चुनौती दी और एक-दूसरे को ऊँटनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उकसाया। उनमें से एक, जिसका नाम कुदार था, चुपके से आया और उसे मार डाला। तो वे सब तबाह हो गए। {इमाम इब्न कसीर द्वारा दर्ज}

क़ौम-ए-सालिह का विनाश
11समूद ने अहंकारवश सत्य को ठुकराया, 12जब उनमें से सबसे दुष्ट को ऊँटनी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उकसाया गया। 13लेकिन अल्लाह के रसूल ने उन्हें चेतावनी दी, "अल्लाह की ऊँटनी को मत छेड़ो और उसके पानी पीने की बारी को!" 14फिर भी उन्होंने उसे चुनौती दी और उसे मार डाला। तो उनके रब ने उनके अपराध के लिए उन्हें कुचल दिया, सबको ज़मीन के बराबर कर दिया— 15उसे परिणामों का कोई भय नहीं है।
كَذَّبَتۡ ثَمُودُ بِطَغۡوَىٰهَآ 11إِذِ ٱنۢبَعَثَ أَشۡقَىٰهَا 12فَقَالَ لَهُمۡ رَسُولُ ٱللَّهِ نَاقَةَ ٱللَّهِ وَسُقۡيَٰهَا 13فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمۡدَمَ عَلَيۡهِمۡ رَبُّهُم بِذَنۢبِهِمۡ فَسَوَّىٰهَا 14وَلَا يَخَافُ عُقۡبَٰهَا15