The Disbelievers
الكَافِرُون
الکافرون

सीखने के बिंदु
यह मूर्ति पूजकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि पैगंबर ﷺ कभी उनके बुतों की पूजा नहीं करेंगे और न ही उनके इबादत के तरीके का पालन करेंगे।
हमें अपनी आस्था के लिए डटे रहना चाहिए।
हमें दूसरों की स्वीकृति पाने के लिए कुछ गलत नहीं करना चाहिए।


पृष्ठभूमि की कहानी
मूर्तिपूजक पैगंबर ﷺ के साथ एक समझौता करना चाहते थे। उन्होंने उनसे कहा कि यदि वह एक साल तक उनके देवताओं की पूजा करें, तो वे एक साल तक अल्लाह की इबादत करेंगे। यह सूरह नाज़िल हुई, उन्हें यह बताते हुए कि पैगंबर का उनकी मूर्तिपूजा से कोई लेना-देना नहीं था। (इमाम अत-तबरानी द्वारा दर्ज किया गया)
अल्लाह एक ही है।
1कहो, 'ऐ पैगंबर, ऐ काफ़िरो!' 2मैं उसकी इबादत नहीं करता जिसकी तुम इबादत करते हो, 3और तुम उसकी इबादत नहीं करते जिसकी मैं इबादत करता हूँ। 4मैं कभी उस तरह इबादत नहीं करूँगा जिस तरह तुम इबादत करते हो, 5और तुम कभी उस तरह इबादत नहीं करोगे जिस तरह मैं इबादत करता हूँ। 6आपका मार्ग आपके लिए है, और मेरा मार्ग मेरे लिए है।
قُلۡ يَٰٓأَيُّهَا ٱلۡكَٰفِرُونَ 1لَآ أَعۡبُدُ مَا تَعۡبُدُونَ 2وَلَآ أَنتُمۡ عَٰبِدُونَ مَآ أَعۡبُدُ 3وَلَآ أَنَا۠ عَابِدٞ مَّا عَبَدتُّمۡ 4وَلَآ أَنتُمۡ عَٰبِدُونَ مَآ أَعۡبُدُ 5لَكُمۡ دِينُكُمۡ وَلِيَ دِينِ6