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المَاعُون
الماعون

सीखने के बिंदु
एक सच्चा मोमिन अल्लाह और लोगों के साथ अच्छे संबंध रखता है।
वे मूर्ति पूजक जो न्याय के दिन को नकारते हैं, गरीबों को खिलाने और अनाथों के प्रति दयालु होने में कोई अर्थ नहीं देखते।
मुनाफ़िक़ केवल दिखावे के लिए नमाज़ पढ़ते हैं। जब वे नमाज़ पढ़ते हैं, तो वे सोचते हैं कि यह केवल समय की बर्बादी है। यही कारण है कि वे हमेशा बिना किसी बहाने के अपनी नमाज़ों में देरी करते हैं।
समय पर नमाज़ पढ़ना और नमाज़ में ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
यदि हम सही ढंग से नमाज़ पढ़ते हैं, तो इससे दूसरों के प्रति हमारे रवैये में सुधार होना चाहिए।
मुनाफ़िक़ सिर्फ़ अपने लिए जीते हैं। वे न तो अपनी ज़कात अदा करते हैं और न ही अपने पड़ोसियों को बर्तन, प्याज़, नमक जैसी छोटी-मोटी घरेलू चीज़ें उधार लेने देते हैं।


पृष्ठभूमि की कहानी
एक धनी बुतपरस्त था जो हर हफ़्ते खाने के लिए एक ऊँट ज़बह करता था। एक बार एक ग़रीब यतीम कुछ गोश्त माँगने आया, लेकिन वह बुतपरस्त इतना क्रोधित हुआ कि उसने यतीम को एक छड़ी से मारा। यतीम टूटे हुए दिल और आँखों में आँसू लिए चला गया। (इमाम अल-क़ुर्तुबी द्वारा दर्ज किया गया)

छोटी कहानी
जोहा अपने परिवार के साथ एक छोटे से गाँव में चला गया। एक दिन, उसके घर मेहमान आए और उसे कुछ तेल, प्याज और बर्तन उधार लेने पड़े। लेकिन उसके पड़ोसियों में से कोई भी उसके साथ कुछ भी साझा नहीं करना चाहता था। उसने नए बर्तन खरीदने की कोशिश की, लेकिन उसे बिक्री के लिए कोई नहीं मिला। इसलिए, उसे अपने पड़ोसियों को उनके बर्तन लेने के लिए छलना पड़ा। उसने उनसे कहा, 'अगर तुम मुझे बर्तन दोगे, तो वे छोटे कटोरे को जन्म देंगे।' आखिरकार, एक पड़ोसी उसे दो बड़े बर्तन देने के लिए सहमत हो गया। अगले दिन, जोहा ने अपने रसोईघर से 3 छोटे कटोरे के साथ बर्तन वापस कर दिए। अब, गाँव में हर कोई जोहा से अपने बर्तन उधार लेने की भीख माँग रहा था। अपनी बेटी की शादी के दिन, उसे 35 बर्तन इकट्ठा करने में कोई परेशानी नहीं हुई। शादी के बाद, लोग अपने बर्तन और 'बच्चे कटोरे' वापस लेने के लिए बड़ी मुस्कान के साथ आए। लेकिन जोहा ने उन्हें बताया कि उसके पास कुछ बुरी खबर है। उसने कहा, 'दुर्भाग्य से, सभी बर्तन मर गए हैं।' उन्होंने सदमे में पूछा, 'क्या तुम मज़ाक कर रहे हो? बर्तन कैसे मर सकते हैं?' उसने जवाब दिया, 'अगर वे जन्म दे सकते हैं, तो वे निश्चित रूप से मर भी सकते हैं!'

दुष्टों के गुण
1क्या आपने उस शख्स को देखा है जो क़यामत को झुठलाता है? 2यह वही है जो यतीम को धक्के देता है। 3और मिसकीन को खाना खिलाने को नहीं उकसाता। 4तो उन नमाज़ियों के लिए बर्बादी है, 5जो अपनी नमाज़ों से ग़ाफ़िल हैं। 6वे जो केवल दिखावा करते हैं, 7और छोटी से छोटी मदद से भी इनकार करते हैं।
أَرَءَيۡتَ ٱلَّذِي يُكَذِّبُ بِٱلدِّينِ 1فَذَٰلِكَ ٱلَّذِي يَدُعُّ ٱلۡيَتِيمَ 2وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلۡمِسۡكِينِ 3فَوَيۡلٞ لِّلۡمُصَلِّينَ 4ٱلَّذِينَ هُمۡ عَن صَلَاتِهِمۡ سَاهُونَ 5ٱلَّذِينَ هُمۡ يُرَآءُونَ 6وَيَمۡنَعُونَ ٱلۡمَاعُونَ7