The Striking Disaster
القَارِعَة
القارعة

सीखने के बिंदु
क़यामत के दिन पहाड़ उड़ा दिए जाएँगे और लोग अपनी क़ब्रों से तेज़ी से निकलेंगे और कीड़ों की तरह अलग-अलग दिशाओं में फैल जाएँगे।
जिन्होंने इस दुनिया में नेक काम किए, वे जन्नत में जाएँगे, और जिन्होंने बुरे काम किए, वे जहन्नम की आग में फँस जाएँगे।
जब हम अच्छा करते हैं, तो हम अपना ही भला करते हैं और जब हम बुरा करते हैं, तो हम अपना ही नुक़सान करते हैं।


छोटी कहानी
अल्लाह ने हमें नेकी करने और बुराई से बचने का हुक्म दिया है। क़यामत के दिन, अल्लाह की इताअत करने के कारण हमारे नेक आमाल हमें जन्नत में ले जाएंगे। जो लोग बुराई करेंगे, उन्हें उसकी नाफ़रमानी का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
एक काल्पनिक कहानी के अनुसार, एक राजा था जिसके दो नौकर थे। एक दिन, उसने उन दोनों को पैसे दिए और उनमें से हर एक से कहा कि वे दुकान पर जाएँ और एक ठेला केवल खाने के सामान से भरें। वे दोनों एक साथ बाज़ार गए। पहले वाले ने अपना ठेला फल, सब्ज़ियाँ, रोटी, जूस, चॉकलेट और पानी से भर लिया। दूसरे वाले ने राजा के आदेशों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कहा, "मैं बस वो सब खरीदूँगा जो मुझे चाहिए।" तो, उसने अपना ठेला कपड़े, जूते, बेल्ट और टॉयलेट पेपर से भर लिया। जब वे दोनों राजा के पास लौटे, तो उसने अपने पहरेदारों को आदेश दिया, "इनमें से हर एक को दो हफ़्तों के लिए एक कमरे में बंद कर दो, और हर एक को वही खाने दो जो वह दुकान से लाया है!" पहले वाले को कोई समस्या नहीं हुई क्योंकि उसने राजा की बात मानी थी। तो, दो हफ़्तों तक, वह एक सोफे पर आराम कर रहा था, दुकान से लाए गए सभी स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले रहा था। दूसरा वाला घबरा गया जब उन्होंने उसे कमरे में बंद कर दिया। उसके पास नए जूते और टॉयलेट पेपर के अलावा खाने के लिए कुछ नहीं बचा था। तो, वह कुछ ही दिनों में मर गया।

यहाँ सबक यह है कि जब हम अल्लाह की इताअत करते हैं तो हम उसे कोई फ़ायदा नहीं पहुँचाते, और जब हम उसकी नाफ़रमानी करते हैं तो हम उसे कोई नुक़सान नहीं पहुँचाते। हम केवल अपना ही फ़ायदा या नुक़सान करते हैं।
नेक और बुरे कामों की परख
1महाप्रलय! 2महाप्रलय क्या है? 3और तुम्हें क्या मालूम कि महाप्रलय क्या है? 4वह दिन होगा जब लोग बिखरे हुए पतंगों की तरह होंगे, 5और पहाड़ धुनी हुई रुई की तरह होंगे। 6तो जिनके पलड़े भारी होंगे, 7वे सुखमय जीवन में होंगे। 8और जिनके पलड़े हल्के होंगे, 9उनका ठिकाना जहन्नम की अथाह खाई होगी। 10और तुम्हें क्या मालूम कि वह क्या है? 11यह एक दहकती हुई आग है।
ٱلۡقَارِعَةُ 1مَا ٱلۡقَارِعَةُ 2وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡقَارِعَةُ 3يَوۡمَ يَكُونُ ٱلنَّاسُ كَٱلۡفَرَاشِ ٱلۡمَبۡثُوثِ 4وَتَكُونُ ٱلۡجِبَالُ كَٱلۡعِهۡنِ ٱلۡمَنفُوشِ 5فَأَمَّا مَن ثَقُلَتۡ مَوَٰزِينُهُۥ 6فَهُوَ فِي عِيشَةٖ رَّاضِيَةٖ 7وَأَمَّا مَنۡ خَفَّتۡ مَوَٰزِينُهُۥ 8فَأُمُّهُۥ هَاوِيَةٞ 9وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا هِيَهۡ 10نَارٌ حَامِيَةُۢ11